हिमाचल प्रदेश का परिचय INTRODUCTION OF HIMACHAL PRADESH

हिमाचल प्रदेश का परिचय 

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*  राजधानी -  शिमला ( CAPITAL SHIMLA )

*  कुल क्षेत्रफल AREA = 55,673 बर्ग कि मी

*  समुंद्रतल से ऊँचाई  अल्टीट्यूड  3०० मीटर से 7026 मीटर।

* बन के अंतर्गत क्षेत्रफल 37,033 SQ.KM (66%)

* ADMINISTRATIVE DATA 2016 प्रशाशनिक आंकड़े

* कुल जिले  DISTRICTS = 12

* DIVISION मंडल  =3 मंडी, धर्मशाला , शिमला।

*SUB-DIVISION उप मंडल =64

*DEVELOPMENT BLOCKS विकासखंड  =78

*TEHSILS तहसीले =92

*SUB-TEHSILS उपतहसीले =50

*MUNICIPAL CORPORATIONS नगर निगम   =2  शिमला ,धर्मशाला

*लोक सभा सीटे  चार 4

*राज्य सभा सीटें  तीन 3




* HIMACHAL CENSUS 2011 DATA

*TOTAL POPULATION 68,58,509

*INCREASE IN POPULATION 2001-11   12.81%

*TOTAL FEMALE POPULATION 33,82,617

*TOTAL MALE POPULATION 43,73,92

*POPULATION DENSITY 123 PERSON/SQ. KM.

*SEX RATIO 974

*LITERACY RATE 83.87%

*FEMALE LITERACY RATE 76.60%

*MALE LITERACY RATE 90,3%

*PER CAPITA INCOME RS 1,30,067 (2015-16)

*TOTAL LENGTH OF ROADS IN HIMACHAL PRADESH IN 2016 =  35,357 KM





*RANKING OF HIMACHAL IN VARIOUS ASPECTS IN INDIA


*AREAWISE RANK 18TH

*POPULATION RANK 22ND

*LITERACY RANK 11TH

*SEX RATIO RANK 10TH

*POPULATION DENSITY RANK 29TH







हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध ब्यक्ति                                                                                                                                                                                                                                                                                      

 * कांशी राम                                                              


 कांशी राम को पहाड़ी गाँधी के नाम से जाना जाता है।  जन्म 11 जुलाई  1882 को कांगड़ा जिले के डाडा  सीब  स्थान पर हुवा . 1937 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें पहाड़ी गाँधी नाम दिया।  1943 को निधन हो गया।




* डॉ यशवंत सिंह परमार                                                

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जन्म सिरमौर  के बागथ में  4 AUGUST 1906 को हुआ  1952 में वो हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने वे 4 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने उन्हें हिमाचल निर्माता भी कहा जाता है।





* डिकी डोलमा 

 डिकी डोलमा का जन्म 1947 में कुल्लू में हुवा।  1993में मात्र  19 साल  की आयु में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
* दलाई लामा
 जन्म 6 JULY 1935 को तिबत ल्हासा में हुआ था।  उनका वास्तविक नाम  तेनजिन दयतसो है . 1959 को चीनी अत्याचारों के कारण उन्हें तिबत छोडना  पड़ा तब से वे अपने अनुयाइयों के  साथ धर्मशाला मेक्लोडगंज  में रहते  है।    1989 को उन्हें शांति के लिये नोबल पुरस्कार दिया गया।

 * विजय कुमार

 जन्म 19 AUGUST 1985 को हमीरपुर में हुआ राष्टमंडल खेल 2006 में 2 स्वर्ण पदक और  2010 राष्ट्रमंडल खेलों  में तीन स्वर्ण तथा एक रजत पदक जीता।  अर्जुन  पुरस्कार 2007 तथा राजीव गाँधी खेल रत्न 2012 में दिया  गया।  2012 में लंदन ऑलोम्पिक में रजत पदक जीता।


*प्रियंका नेगी 

 सिरमौर से है वे 2012 में कबडी विश्वकप में भारतीय महिला टीम की सदस्य थी।


*शिव केशवन

मनाली के निवासी है वे चार बार विंटर ऑलोम्पिक में भाग ले चुके है इन्होंने 2012 में स्वर्ण पदक जीत था।


*शमशेर जंग
 सिरमौर से है इन्होंने 2002 में राष्ट्रमंडल  खेलों में स्वर्ण पदक जीत था।


*चरनजीत सिंह 

ने 1964 के ऑलोम्पिक में भारतीय टीम के कप्तान थे इनको पद्म श्री तथा अर्जुन पुरस्कार दिया गया था।


*सीता गोसाईं 

सिरमौर की निवासी हैं।  वे भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी कर चुकी हैं।

*ऋषि धवन 

मंडी से है इन्होंने देश के लिए क्रिकेट  मैच खेलें  है।


*सुमन रावत 
सुंदरनगर से है।  इस एथलीट को 1987 में अर्जुन और परशुराम पुरस्कार दिया गया था।


*सकलजग दोरजी 
लाहुल स्पिति से है।  ये ऑलोम्पिक में तीर अंदाजी में भाग ले चुके है।  1991 में इन्हे परशुराम पुरस्कार दिया गया था।





*हिमाचल के फेमस स्थान और संसथान                                                                                                         


 *राज्य शिक्षा अनुसांधान एवं  प्रशिक्षण परिषद = सोलन।

*मोहन मीकिन ब्रीवरी = सोलन

*महिमा पुस्तकालय =नाहन (सिरमौर )

*सुकेती जीवाश्म पार्क =नाहन ( सिरमौर )

*गोल्फ कोर्स =नालदेहरा (शिमला)

*रोरिक आर्ट गेलेरी =नगर (कुल्लू)

*पर्वतारोहण संसथान =मनाली

*अप्सरा कुंड अजागर  (कुल्लू)

*शोभा सिंह आर्ट गैलरी =अंद्रेटा (कुल्लू)

*चिन्मय तपोबन संदीपनी  हिमालय = धर्मशाला

*स्वामी विवेकानंदा चिकीत्सा संसथान = पालमपुर

*क्षेत्रीय मधुमखी अनुसन्धान केंद्र =नगरोटा (काँगड़ा )

*युद्ध स्मारक =धर्मशाला

*NIIT=हमीरपुर

*HPSSSB NOW HPSSC = HAMIRPUR

*IIAS (INDIAN INSTITUTE OF ADVANCED STUDIES )  = समर हिल ( शिमला )

*सरदार अजीत सिंह  स्मारक = पंचपुला (चम्बा)

*भूरी सिंह संग्रहालय = चंबा

*ब्यास गुफा = बिलासपुर



हिमाचल प्रदेश में शिक्षा                                                                                                                                                                                                                                                                                                    

*साक्षरता दर --82.80 % है।


*महिला साक्षरता  दर --75.93 % है।

*पुरुष साक्षरता दर -----89.53% है।

*हिमाचल का रैंक साक्षरता में 11 वा  है।

*महाविद्यालयों के सँख्या = 54 govt+29 private

*मेडिकल कॉलेज =5 है।

*हिमाचल प्रदेश का सबसे पुराना  कॉलेज महाविद्यालय मंडी है।

*हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय HPU के स्थापना 1970   की गई थी।  राम कर्ण सिंह प्रथम कुलपति थे।

*डॉ. वाई एस  परमार उद्यान व् बानिकी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) इस के स्थापना 1985 में की गई थी।
 H.R. कालिया प्रथम कुलपति थे।

*HPBOSE हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना 3 July 1969 को शिमला में हुई  थी।  1993 को इसका
स्थानांतरण शिमला से धर्मशाला कर दिया था।

*IIAS (Indian Institute of Advanced Studies)  शिमला के वायसरीगल लॉज में स्थित है।  इसका निर्माण
1884 to 1888 के बीच में लॉर्ड डफरिन ने करवाया था।

*प्राथमिक विद्यालय 10 हजार के करीब।

*माध्यमिक विद्यालय की सँख्या 3000 के  करीब है।



विश्वविद्यालय                                                                                                                                               


*मेडिकल कॉलेज=2

 *होम्योपैथिक कॉलेज =1


*केंद्र विश्वविद्यालय =1

*हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना केंद्रीय विश्वविद्यालय एक्ट 2009 के तहत की गई।  इस का मुख्यालय धर्मशाला  है।




हिमाचल में हवाई अडडे                                                                                                                               

*1 भुंतर हवाई  अड्डा जो कुल्लू में है


*2 गगल हवाई  अड्डा काँगड़ा में है जो 20 दिसम्बर 1989 को शरू हुवा था।

*3 जुबरहट्टी हवाई अड्डा शिमला यह मई 1987 को  शुरू  हुवा था।




हिमाचल में रेल                                                                                                                                           

*पुरे प्रदेश में मात्र 245 km रेल लाइन है। मुख्य रूप से यहाँ 3 रेल लाइने  है


*1 कालका - शिमला
 यह एक नैरो  गेज रेल लाइन है।  इसका निर्माण 1891 में शरू हुवा था। और 1898 में यह बनकर त्यार हो गई थी   1903 में यह रेल लाइन चालू की गई थी। यह 96 km  लंबी है। इस में पहले 103  सुरंगें थी जिनसे  102  सुरंगे और 864  पुल बचे  है। 2008 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है।

*2 जोगिन्दरनगर - पठानकोट
यह एक नैरो गेज लाइन है इसका निर्माण 1929 में किया गया था।  इस रेल लाइन में 2 सुरंगे है।  और 993 पुल   है। इस रेलमार्ग की लम्बाई है 164 किलोमीटर की।

*3 नांगल - ऊना
  यह एक ब्राड  गेज रेल लाइन है इसकी कुल लंबाई 33 km है।



हिमाचल प्रदेश की अर्थब्यवस्था से रिलेटेड आँकड़े                                                                                         

*प्रति ब्यक्ति आय 2016 =rs 1.30 ,067


*बार्षिक योजना व्यय   2015 -2016 में 4 ,800 करोड़।

*बार्षिक योजना व्यय 2016 -2017 में rs  5 ,200  करोड़।

*कुल बजट 2016 - 2017 rs  32 ,593 करोड़

*कुल राजस्व 2016-2017 rs  26 ,270 करोड़

*कुल व्यय 2016 -2017 rs  26,246 करोड़ वित्तीय घाटा  estimated  rs  4,076 करोड़

*खाद्यान उत्पादन 16.19 लाख मीट्रिक टन

*फल उत्पादन 8 .19 लाख मीट्रिक टन




हिमाचल प्रदेश में कृषि और बागवानी                                                                                                     


*यहाँ  21 % भूमि पर खेती की जाती है।  63 % हिमाचल के लोग कृषि से रोजगार प्राप्त करते है। हर किसान के पास औसतन 1. 21 हेक्टेयर भूमि है।  मंडी जिले में सर्वाधिक कृषि की जाती है यहाँ  पर 46% भूमि पर कृषि की जाती है। लाहुल में सबसे काम कृषि की जाती है।  यहाँ  पर 0. 2 % भूमि पर कृषि की जाती है।

हिमाचल के प्रमुख फसलें  ---


*गेंहू  wheat 


 काँगड़ा में सबसे ज्यादा गेंहू  होती है। यह   रबी की फसल है।  r .r . 21 , कल्याण सोना, और सोनालिका गेहूं की कुछ किस्मे  है।



*मक्का maize 

 यह खरीफ फसल है 26 % पर मक्का की खेती होती है। हिमाचल India का 5 वा  सबसे बड़ा मक्का उत्पादक राज्य है।  हिम 123 ,गंगा 3 ए ,विजय और अम्बर मक्का की कुछ किसमे है।



*चाय

हिमाचल में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन काँगड़ा में होता है। यहाँ  पर 1850 से चाय का उत्पादन हो रहा है। काँगड़ा चाय ग्रीन गोल्ड के नाम से बिकती है।


*सेब 
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 हिमाचल सेब राज्य कहलाता है। देश का 35 % सेब का उत्पादन हिमाचल करता है।  हिमाचल के कुल्लू और शिमला 80 % उत्पादन करते है।  अलेग्जेंडर कॉल्ट ने सबसे पहले 1887 में शिमला के मशोबरा में सेब के बाग  लगाए थे।


*अदरक
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केरल के बाद हिमाचल देश का सबसे बड़ा अदरक उत्पादक राज्य है।  हिमाचल के  सिरमौर में सबसे ज्यादा अदरक होता है।


*आलू 

हिमाचल भारत का 10 वा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है।  हिमाचल में शिमला सबसे बड़ा आलू उत्पादक जिला  है।  कुफरी , कुफरी अलंकार ,कुफरी जीवन ,कुफरी ज्योति ,गिरीराज ,अशोका ,पुखराज,जवाहर ,ज्योति ,सिंदरी ,बादशाह ,अटलांटिक और गुलमर्ग आलू की प्रमुख किसमे हैं।





हिमाचल के प्रथम व्यक्ति                                                                                                                              


*प्रथम राज्यपाल = S चक्रवर्ती


*प्रथम महिला राज्यपाल = शीला कौल

*प्रथम मुख्यमंत्री = डॉ यशवंत सिंह  परमार

*प्रथम विधानसभा अध्यक्ष = जयवंत राम

*प्रथम महिला  विधानसभा अध्यक्ष = विद्या स्टोकक्स

*प्रथम मुख्य न्यायाधीश = मिर्जा हमीदुल्ला बेग

*प्रथम महिला  मुख्य न्यायाधीश =लीला सेठ

*प्रथम लोकायक्त = न्यायमूर्ति  T . v .R . टाटाचारी

*प्रथम महिला पुलिस अधिकारी = सावंत अटवाल

*प्रथम राज्यसभाअध्यक्ष  चिरंजी लाल वर्मा

*प्रथम बंदा  माउंट एवरेस्ट पर हिमाचल का वो था सुनील शर्मा

*प्रथम बंदा जिसे  राष्ट्रीय अध्यापक आवार्ड  मिला  वो था प्रकाश चंद

*प्रथम परशुराम अवार्ड मिला था श्रीमती सुमन रावत  को

*प्रथम परमवीर चक्र अवार्ड मिला था  मेजर सोमनाथ शर्मा को

*प्रथम महावीर चक्र अवार्ड मिला था लेफ्टिनेंट कर्नल करण सिंह को

*प्रथम वीर चक्र अवार्ड मिला था हवलदार तोपगे को





हिमाचल में नदियां                                                                                                                                        

यहाँ पर 5 मुख्य  नदियां  है  इन पांच  से चार का वर्णन हमें  ऋग्वेद में मिलता है हिमाचल की पांच  नदियां है---

यमुना , ब्यास , सतलुज , चिनाब , रावी।


*रावी नदी 

रावी नदी का प्राचीन नाम पुरुषनी  और   इरावती था।  हिमाचल में इसकी लंबाई 158 km है। हिमाचल प्रदेश में रावी नदी का प्रवाह क्षेत्र 2320 km है।  यह नदी धौलाधार की शाखा बड़ा भंगाल से निकलती है।  यह नदी चम्बा और काँगड़ा में बहती है। चम्बा रावी नदी के दांए किनारे पर स्थित है।  यह नदी 2 खड्डो से मिलकर बनती है भादल और तांतगिरि। रावी नदी खेड़ी  पास पंजाब में प्रवेश करती है।  और पंजाब से पाकिस्तान में  जाती है।

रावी नदी की सहायक नदियां --तृण दैहण ,साहो  ,बलजैडी ,छतराड़ी,भादल , बैरा ,स्यूल ,चिरचिंद नाला ,टूंढ़हा,बुद्धिल आदि ।


*चिनाव नदी 


पानी के घनत्व के कारण यह हिमाचल की सबसे बड़ी नदी है यह 4900 मीटर की ऊंचाई पर बारालाचा दर्रे के पास से निकलती है यह चंद्रा और भागा नदियों के तांदी नामक स्थान में मिलने से बनती है। इसका वैदिक नाम असिकनी तथा संस्कृत नाम चंद्रभागा है।  सहायक नदियां ---मियार नाला ,चंद्रा ,भागा ,सेचर नाला आदि है। यह नदी लाहौल और चम्बा में बहती है। हिमाचल प्रदेश में इस नदी की लंबाई 122 km  है। तथा इस नदी का प्रवाह क्षेत्र 7500 बर्ग km है। यह नदी भुजिंद नामक स्थान पर लाहौल को छोड़ कर चम्बा में प्रवेश करती है। तथा संसारी नाला नामक स्थान पर चम्बा को छोड़ कर जम्मू काश्मीर में प्रवेश करती है।   यह  नदी मानसरोवर के निकट चंद्रभागा पर्वत से होती हुई सिंधु नदी में गिर जाती है।



*सतलुज नदी 

यह नदी  मानसरोवर के निकट राक्षस ताल से निकलती है जो की दक्षिण पश्चिम तिबत में है। जहाँ इस का स्थानीय नाम लोगचेन खंबाव है। किनोर के पास शिपकी नामक दर्रे से यह नदी तिबत से हिमाचल में प्रवेश करती है।  और चोरा नामक स्थान पर यह नदी किनोर को छोड़ कर शिमला में प्रवेश करती है। तथा कसौल नामक स्थान पर सतलुज नदी बिलासपुर में प्रवेश करती है।  वैदिक नाम स्तुद्री  तथा संस्कृत नाम शतुद्र था। सतलुज नदी की सहायक नदियां ---बस्पा ,स्पीति ,स्वां ,नोगली आदि है। सतलुज नदी किनोर ,शिमला ,सोलन ,तथा बिलासपुर में बहती है। सतलुज नदी हिमाचल प्रदेश की सबसे लंबी नदी है। हिमाचल प्रदेश में इस नदी की लंबाई 320 km है। तथा इस का प्रवाह क्षेत्र 20,000 बर्ग km है।  बिलासपुर में सतलूल नदी पर भाखड़ा बांध का निर्माण किया गया है यह एशिया का सबसे ऊँचा बांध है।   यह नदी बहावलपुर के निकट चिनाव नदी से मिल जाती है ये दोनों नदियां पञ्च नद का निर्माण करती है।



*ब्यास नदी 

 इस का नाम महऋषि ब्यास  के नाम पर रखा गया यह नदी कुल्लू के ब्यास कुंड से निकलती है।  ब्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखला में रोहतांग दर्रे में है।  इस नदी की लंबाई  हिमाचल में 260 km है।  इस का पुराना नाम बिपाशा तथा आर्जीकीया था।  यह नदी कुल्लू ,हमीरपुर ,मंडी ,और कांगड़ा जिलों में बहती है। कांगड़ा के मुरथल के पास  चली जाती है।   ब्यास की सहायक नदियां पिन ,मलाणा नाला ,पार्वती ,सर्वरी , फोजल,,सुकेती ,मनालसु ,लूनी ,बाण ,बिनवा ,उहल ,हुर्र्ला ,सैंज ,बाखली, चक्की ,डैहर , न्युगल ,गज ,सुजोईन आदि ।हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी की लंबाई 256 km है।  ब्यास नदी का प्रवाह  1200 बर्ग km  पर है। यह नदी  बजौरा नामक स्थान पर कुल्लू से  मंडी में प्रवेश करती है। संधोल में यह नदी मंडी को छोड़कर काँगड़ा में प्रवेश करती है यह नदी मुरथल नामक स्थान में काँगड़ा को छोड़ कर पंजाब में प्रवेश करती है। और पंजाब के फिरोजपुर के निकट सतलुज नदी में मिल जाती है।



*यमुना नदी 


इसका उद्गम उत्तराखंड के यमुनोत्री से हुवा है।  यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।  हिमाचल के सिरमौर में अविरल धारा पांवटा से होते हुए गुजरती है। इसका नाम कालिंदी भी है। सहायक नदियां ---टोंस ,पब्बर ,गिरी ,आंध्रा ,बाटा ,जलाल आदि। यह नदी हिमाचल प्रदेश के पूर्व में बहने वाली नदी है।  यह नदी केवल सिरमौर से होकर गुजरती है।  यमुना नदी ताजेवाला के निकट हिमाचल प्रदेश को छोड़ कर हरियाणा में प्रवेश करती है।  यह नदी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के बीच में प्राकृत सीमा का निर्माण करती है।






हिमाचल के हिमनद ( ग्लेशियर )                                                                                                                   


 *बड़ा शिगड़ी हिमनद 


यह हिमाचल का सबसे बड़ा ग्लेशियर है।  यह चंद्रा  घाटी में है यह  लाहौल में है।  यह चंद्रा नदी को पानी देता है  यह 25 km से भी लंबा है और 3 km चौड़ा है। यहाँ पर चंद्रताल झील है।



*मुलकिला हिमनद 

यह लाहौल में है इसकी लंबाई 12 km  है और यह भागा  नदी को जल देता है।



*दुघोन  हिमनद 

यह कुल्लू जिले में है। यह पार्वती नदी को पानी देता है।  इसकी लंबाई 15 km है


*पार्वती हिमनद 

यह कुल्लू में है यह भी पार्वती नदी को पानी देता है इस के लंबाई लगभग 14 km  है।






हिमाचल की फेमस बुक्स                                                                                                                              

*हिमाचल कला व् पुरातत्व  by वी सी  ओहरी

*ऐतिहासिक अभिलेख  by सोम कृष्ण गौतम

*प्राचीन हिमालय by  एल पी पांडेय

*ट्रेवल्स इन द हिमालयन प्रोविननसेस ऑफ हिंदुस्तान by मूरक्राफ्ट

*हिमाचल प्रदेश इतिहास और परंपरा by  डॉ  वी एस कपूर

*हिमाचल लोककला by  ओ  सी हांडा

*पहाड़ी लघु कला by खंडेलवाल

*पहाड़ी चित्रकला by  किशोरीलाल

*गोड्स ऑफ हिमाचल प्रदेश by  बी आर  शर्मा

*हिमाचल  प्रदेश का लोक जीवन by  कुलदीप सिंह

*टूरिज्म इन हिमाचलप्रदेश by  मनोज जीरित

*टेम्पल्स ऑफ हिमाचल प्रदेश by  नीलमणि

*अर्की की गोरखा विजय by  यू एस परमार

*यह सूंदर भारत हिमाचल प्रदेश by  एस  एस चिब

*फोक टेल्स ऑफ इंडिया हिमाचल प्रदेश by के ए सीतालक्ष्मी

*क्राफ्ट्स ऑफ हिमाचल प्रदेश by  अस पी गुप्ता,सुभासिनी

*फोक ट्रडिशन एंड इकोलॉजी इन हिमाचल प्रदेश by  उषा बन्दे

*कलूट देश की कहानी by  एल सी प्रार्थी

*ए  हिस्टरी ऑफ मंडी  by विक्रम कायस्थ

* ए  स्टडी ऑफ ट्राइबल एरिया भरमौर इन हिमाचल प्रदेश  by T v  मूर्ती

*भगवान का निवास (abode of god )  by एंड्रीयू विल्सन

*आर्ट एंड आर्किटेक्चर ऑफ़ हिमाचल प्रदेश  by मियाँन गोवर्धन सिंह

* बिलासपुर की कहानी  by अक्षर सिंह

*बिलासपुर पास्ट,प्रेजेंट एंड फ्यूचर  by आनंद चंद

*देश भक्त स्वामी विवेकानंद  by शान्ता कुमार

*धरती है बलिदान की  by शांता  कुमार

* हिमाचल प्रदेश परिचय   by देव राज शर्मा

*Glimpses of the western Himalaya  by O.C.Handa

*हिमाचल की लोक कथाएँ  by प्रतिभा नाथ
*Himachal Pradesh the land and people  by S.S.Negi

*Himalaya's abode of light  by Nicholas Roerich

*Himalayan arts  by J.C. Frank

*Himalayan border land  by Vikram kayasth

*Himalayan Pilgrimage  by B.N.Datar 

*Imperial Shimla  by Pamela Kanwar


*Kangra painting  by M.S. Randhawa

*Kinner Desh  by Rahul Sankrityan

*Kinner lok sahitya  by Dr.B.R.Sharma

*Kulut Desh ki kahani  by L.C. Prarthi

*Lajjo  by Shanta Kumar

*life of Raja Shamsher Prakash of Sirmour  by Bal Govind

*Mukalsar Twareekh -E-Riyasat Chamba  by Garib Khan

*Myths,rituals and Beliefs in Himachal Pradesh  by M.R.Thakur

*Naga Cults and Traditions in the Western Himalaya  by O.C.Handa

*Pahar Begaane nahi honge  by Shanta Kumar





हिमाचल के उद्योग                                                                                                                                      


*हिमाचल खाद फेक्ट्री = सोलन

*हिमाचल वूल प्रोसेलरीच =सोलन

*हिमाचल वेस्टर्ड मिल =सोलन

*बिरोजा फेक्ट्री =बिरमऔर

*सीमेंट फेक्टरी =सिरमौर

*हिमाचल उर्वरक लिमिटेड =शिमला व सोलन

*पाइप उद्योग =काँगड़ा





हिमाचल के मेले                                                                                                                                           

शिमला के मेले ----

*लवी  का मेला ==यह राज्य तथा देश का फेमस मेला है। यह शिमला के रामपुर में नवम्बर में  लगता है यह मेला 1 महीने लगता है। इस की शुरुआत केहरी सिंह ने के थी। यह हिमाचल का सबसे पुराना व्यापार मेला है।

*फाग मेला ---रामपुर में लगता है।  यह राज्य स्तरीय मेला है।

*सिप्पी मेला ----यह शिमला के मशोबरा में लगता है। यह नवम्बर में लगता है।

*झोटे का मेला ==यह मेला शिमला के मशोबरा में लगता है। इस मेले में भैसे की लड़ाई होती है।


लाहौल स्पीति के मेले ----

*लदारचा का मेला == यह मेला काजा नामक स्थान  में लगता है। यह मेला जुलाई -अगस्त में  लगता है।

*त्रिलोकीननाथ मेला -----यह लाहौल के उदयपुर में लगता है। यह रज्यस्तरीय मेला है।


मंडी के फेमस मेले ----

*शिवरात्री मेला ---यह अंतरराष्ट्रीय मेला है।  इसकी शुरुआत राजा अजबरसेन ने की थी। यह मंडी के पड़ल मैदान में लगता है। यह मेला शिव को समर्पित है और शिवरात्री  को लगता है।

*कुताह मेला --यह जंजैहली के निकट कुताह  नामक स्थान पर लगता है। यह मेला 7 -8  दिनों को लगता है।

*सेचु  मेला --- यह मंडी के रिवालसर नामक स्थान पर लगता है।

*लंबाथाच नलवाड़ी मेला ---मंडी जिले के थुनाग के निकट लंबाथाच नामक स्थान पर लगता है।


हमीरपुर के फेमस मेले ---

*गसोता मेला ---

*होली मेला ----इस मेले की शुरुआत राजा संसारचंद ने की थी।  यह अंतराष्ट्रीय मेला है।  यह मेला सुजानपुर टिहरा में लगता है।


सिरमौर के फेमस मेले ----

*त्रिलोकपुर मेला ---यह मेला माता बाला  सुंदरी को समर्पित है यह मेला नवरात्री के मोके पर लगता है।

*रेणुका मेला ----यह मेला नवंबर में लगता है। इस मेले को 2011 में अंतराष्ट्रीय मेला बनाया गया। यह मेला सिरमौर के रेणुका नामक स्थान पर लगता है।


ऊना  के फेमस मेले ----

*पीपलू मेला --
*चिन्तपूर्णी मेला ---
*बाबा बड़भाग सिंह  मेला --


चम्बा के फेमस मेले -----
*मणिमहेश मेला ---

*मिंजर मेला --
-इस की शुरुआत साहिल वर्मन ने की यह मेला सावन महीने के दूसरे रविवार को लगता है।  इस मेले में वरुण देव की पूजा की जाती है।

*सूई  मेला ---यह केवल महिलाओं और बच्चों के लिए होता है। यह रानी नैना देवी के बलिदान की याद में मनाया जाता है। यह चम्बा में लगता है।  यह 11 से 13 अप्रैल को लगता है।

*भरमौर जात्रा मेला ==यह मेला यह मेला कृष्ण जन्माष्टमी  के दिन से शरू होता है।  यह मेला 6 दिन तक लगता है।  यह मेला शिव को समर्पित है।यह मेला हर साल अगस्त महीने में चम्बा में लगता है।


*फूल मेला ==यह चम्बा के पांगी में अक्टूबर में लगता है।


किनोर के फेमस मेले =---
*लोसर मेला --- यह मेला तिबती नवबर्ष के समय लगता है।

*फुलायच मेला ---यह मेला किनोर में लगता है।  यह जिला स्तरीय मेला है। यह मेला सितंबर माह में लगता है।


काँगड़ा के फेमस मेले ----

*डल मेला ---
*ज्वालामुखी मेला ---
*नागिनी मेला ---नूरपुर में लगता है।
*कालेश्वर मेला ---


कुलु के फेमस मेले ---
*डूंगरी मेला ==
यह मनाली   लगता है यह मेला हिडिम्बा को समर्पित है।

*कुल्लु का दशहरा  मेला --यह अंतराष्ट्रीय मेला है।  यह कुल्लु के ढालपुर मैदान में लगता है। इसकी शुरुआत 1651 में हुई  थी। यह मेला विजयदशमी पर शुरू होता है।

*सराही मेला ---


बिलासपुर के फेमस मेले -----

*मैर्कण्डेय मेला ==यह बिलासपुर में लगता है।  12 से 14 अप्रैल को मनाया  जाता है।

*नलवाड़ी मेला --इस मेले की शुरुआत W.गोल्डस्टीन ने 1889 को की थी। जिस समय अमरचंद बिलासपुर के राजा थे। यह मेला लुहणू मैदान पर होता है।

*नैना देवी मेला ---




हिमाचल की जनजातियां                                                                                                                               

*लाहौली-----लाहौली जनजाति के लोगों की वेशभूषा ऊनी है। यह लाहौली जनजाति की सांस्कृतिक पहचान है। यह जनजाति लाहौल स्पिती जिले में रहती है। ये जनजाति बोद्ध धर्म के अनुयायी है। इनका मुख्य पेशा खेतीबाड़ी है।

*गद्दी-----यह जनजाति हिमाचल प्रदेश की सबसे पुरानी जनजाति है। गद्दी जनजाति के लोग चम्बा और काँगड़ा के पहाड़ी  क्षेत्रों में निवास करते है। गद्दी जनजाति के लोग हिन्दू धर्म के अनुयायी है।

*किनर-----यह किनोर की जनजाति है ये लोग किनोर में निवास करते है। इस जनजाति का मुख्य पेशा खेतीबाड़ी है। इस जनजाति के लोंगों ने अपनी परम्पराओं और संस्कृती को सहेज कर रखा है।

*पंगवाल----यह जनजाति चम्बा के पांगी क्षेत्र में निवास करते है। ये लोग खेती करते है।  पंगवाल जनजाति के लोग हिन्दू धर्म के अनुयायी है।

*गुजर---यह एक घुमन्तु जनजाति है। हिमाचल प्रदेश में गुजरों की सख्यां लगभग 30,000 के करीब है। गुजर जनजाति के लोग हिन्दू और इस्लाम दोनों धर्मों के अनुयायी है।

जनसँख्या की द्रिष्टी से चम्बा में सर्वाधिक जनजातियां निवास करती है।





हिमाचल में खनिज                                                                                                                                       

यहाँ मात्र 0 से 2 % ही खनिज पदार्थ है।


*जिप्सम ==कांगड़ा और सिरमौर में पाया जाता है।

*चटानी नमक ==भारत में चटानी नमक केवल हिमाचल के मंडी जिले  पाया जाता है।

*सोना ==बिलासपुर के फेटीधार स्थान से आने वाले नालों की रेत में थोड़ी मात्रा में सोना पाया जाता है।

*चुना पत्थर ==गगल तथा बरमाना  से मिलता है।

*बोराइट ===सिरमौर में मिलता है।

*तेल == हिमाचल के कई स्थानों में तेल होने की सभांवना है।

*मैगनेसाइट ==भरमौर तालुक से मिलता है।  सुई नामक स्थान में भी मैगनेसाइट के भण्डार मेले है।





हिमाचल प्रदेश में त्यौहार                                                                                                                              

*गोतसी ==यह त्यौहार चंद्रभागा घाटी में मनाया जाता है। यह फरबरी में मनाया जाता है। यह त्यौहार उन्ही घरों में मनाया जाता है जिन घरों में पिछले बर्ष पुत्र हुआ हो।

*मिंजर ==यह बर्षा ऋतु का त्यौहार है।  मिंजर का अर्थ मकई की मंजरी से है।  महिलाएं थाली में मिंजर रख कर पानी के देवता को समर्पित करती है।

*चैत्रोल ==सिरमौर में मनाया जाता है।  चैत  माह में शुक्ल की विशेष तिथि को मनाया जाता है।

*लोसर ==यह तिबत की सीमा से लगे स्थानों में मनाया जाता है।  यह नए साल के आगमन में मनाया जाता है। इस त्यौहार में आटे की मुर्तीया बनाई जाती है तथा इन्हे सुबह देखना शुभ माना जाता है।

*साजो ==इस त्यौहार में देवताओं को विदा करते है। इस त्यौहार में देव पालकी खोल दी जाती है। तथा ऐसा मन जाता है की देवता स्वर्ग चले गए है। यह त्यौहार माघ के अंत में या फागुन में मनाया जाता है।

*छाली ==यह दिवाली से 2 माह बाद मनाया जाता है। इस त्यौहार में महिलाएं बच्चो पर अखरोट फेंकती है।

*मगनोड़ ==यह त्यौहार माघ के अंत में मनाया जाता है।

*सैरी ==यह सर्द ऋतु का त्यौहार है।  यह अश्विनी सक्रांति को मनाया जाता है। इस त्यौहार के आते आते मक्की की फसल तयार हो जाती है।

*बसोआ ==यह त्यौहार बैशाख सक्रांति को मनाया जाता है। इस त्यौहार से 3 दिन पहले लोग अपने घरों में कोदरे के आटे की टिकीयाँ बनाकर पतों से ढक कर रखते है और 3 दिनों  के बाद इस में गुड तथा शहद मिलाकर पानी के साथ खाते है।

*खेपा===यह त्यौहार किनरों का त्यौहार है।





FAMOUS VALLEYS IN HIMACHAL PRADESH {हिमाचल में प्रसिद्ध घाटियां }--------                        -


* चंद्रभागा घाटी =लाहौल स्पीति में है

* पाटन घाटी =लाहौल में है

*मुलांग घाटी =लाहौल में है

*पिन घाटी =लाहौल में है

*लिंगती घाटी =लाहौल में है

*स्पीति घाटी =लाहौल में है

* स्वां घाटी =ऊना में है

* दून और सपरुन घाटी =सोलन में है

*कीयरादा घाटी और दून पौन्टा घाटी =सिरमौर में है

*काँगड़ा घाटी =काँगड़ा में है

* पांगी घाटी =चम्बा में है

*चम्बा रावी घाटी =चम्बा में है।

*पब्बर रोहडू घाटी =शिमला में है

*कुनिहार घाटी =सोलन में है

*चौन्तड़ा घाटी =मंडी में है

*चुहार घाटी =मंडी में है

*सराज घाटी (जंजैहली ) =मंडी में है

*बल्ह घाटी =मंडी  में है

*रुप्पा घाटी =किनोर में है


*हंगराग घाटी =किनोर में है

*सांगला घाटी =किनोर में है

*बसपा घाटी =किनोर में है

*सराज घाटी =कुल्लू में है

*पार्वती घाटी =कुल्लू में है
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LAKES IN HIMACHAL PRADESH {हिमाचल प्रदेश में झीलें }-----                                                        -

बिलासपुर में झीलें------                                                                                                                

*गोविन्द सागर झील----यह सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।  यह झील 168 बर्ग KM क्षेत्र में फ़ैली है। यह झील सतलुज नदी के पानी को रोककर बनाई गई  है. यह झील भाकड़ा बांध को पानी देती है।

किनोर में झीलें -----                                                                                                                          -
*सोरांग झील
*नाको झील

लाहौल में झीलें -----                                                                                                                          -
*उनामत्सो झील
*सूरजताल झील
*चंद्रताल झील


सिरमौर में झीलें ----                                                                                                                           -
*रेणुका झील -----यह हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृत झील है। यह झील 2.5  KM में फ़ैली है। इस का सम्बन्ध परशुराम की माता रेणुका से है।
*सुकेती झील -----यह झील सुकेती जीवाश्म पार्क के पास स्थित है।


कुल्लू में झीलें ------                                                                                                                           -
*दशहर झील
*मानतलाई  झील
*भृगु झील


शिमला में झीलें -----                                                                                                                             -
*चन्द्रनाहन झील
*कराली झील
*गढ़ कुफर झील
*तनु जुबल झील


मंडी में झीलें -----                                                                                                                      -
*पराशर झील
*कुमराह झील
*पंडोह डैम झील
*रिवालसर झील
*कुंत भीयोग झील
*सुखसर झील
*कालासर झील


काँगड़ा में झीलें ----                                                                                                                  -
*डल झील
*करेरी झील
*पोंग डैम झील


चम्बा में झीलें ---                                                                                                                                 -
*घड़ासरू झील
*खजियार झील
*लामा झील
*मणिमहेश झील
*चमेरा झील
*महाकाली झील






FAMOUS PASSES IN HIMACHAL PRADESH {हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध दर्रे }---------                      -


*लालूनी दर्रा कुल्लू और स्पीति को जोड़ता है

*भीम घसूतड़ी जोत काँगड़ा और चम्बा को जोड़ता है

*पिन पार्वती कुल्लू और स्पीति को जोड़ता है

*मकोरी जोत काँगड़ा में है

*दुग्गी  जोत  भरमौर और लाहौल को जोड़ती  है

*तेन्तु दर्रा कुल्लू और काँगड़ा को जोड़ता है

*कुंगती  दर्रा लाहौल में है

*चौबिया दर्रा लाहौल और भरमौर को जोड़ता है।

*बारालाचा दर्रा लाहौल स्पीति  में है

*बसोदन दर्रा चम्बा और भटियात को जोड़ता है।

*दराटी दर्रा चम्बा और पांगी को जोड़ता है।

*रूपिन घाटी किनोर और गढ़वाल को जोड़ता है।

*बरुवा दर्रा किनोर और गढ़वाल को जोड़ता है।

*तपसर  दर्रा काँगड़ा में है

*दुलची दर्रा मंडी और कुल्लू को जोड़ता है।

*भुबू  दर्रा जोगिन्दरनगर और कुल्लू को जोड़ता है।

*तमसर  दर्रा काँगड़ा में है

*कुंजुम दर्रा कुल्लू में है

*शिपकिला दर्रा किनोर में है।

*साचा दर्रा चम्बा और पांगी को जोड़ता है।

*इंद्रहार दर्रा काँगड़ा और भरमौर को जोड़ता है

*रोहतांग दर्रा कुल्लू और लाहौल को जोड़ता है।

*चंद्रखनी दर्रा कुल्लू में है

*जालसू दर्रा काँगड़ा और चम्बा को जोड़ता है।

*जलोरी दर्रा आंतरिक सिराज को बाह्य सीराज से जोड़ता है यह कुल्लू में है।




हिमाचल प्रदेश के भूगोल का परिचय { INTRODUCTION OF HIMACHAL PRADESH's  GEOGRAPHY}

हिमाचल का अर्थ है बर्फ से घिरा हुवा। हिमाचल प्रदेश पश्चिम हिमालय में स्थित है। हिमाचल प्रदेश का अक्षांश LATITUDE =30'22'TO 33'12' है और देशांतर  LONGITUDE= 75'47' TO 79'04' है।  हिमाचल प्रदेश की सीमा 5 राज्यों से मिलती है। जम्मू काश्मीर ,हरियाणा ,पंजाब ,उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश से।
हरियाणा हिमाचल के दक्षिण में है।  जम्मू काश्मीर हिमाचल के उत्तर में है। पंजाब हिमाचल के दक्षिण पश्चिम में है। उत्तरा खंड हिमाचल के दक्षिण पूर्व में है। हिमाचल की तिब्बत चीन के साथ 200 KM की अंतराष्ट्रीय सीमा है।
हिमाचल का भूगोलिक विभाजन तीन भागों में किया गया है।  निचला पर्वतीय क्षेत्र , मध्य पर्वतीय क्षेत्र , उच्च पर्वतीय क्षेत्र।
निचला पर्वतीय क्षेत्र {SHIVALIK HILLS}----
इस भाग को शिवालिक भी कहा जाता है। इस भाग में हमीरपुर ,बिलासपुर ,ऊना ,सोलन ,और मंडी के कम ऊंचाई के भाग आते है। इस क्षेत्र के समुन्द्र तल से ऊंचाई 300 मीटर से लेकर 1000 मीटर तक है।  इस क्षेत्र में हर साल 1500 से 1800 मि. मी. बारिश होती है।

मध्य हिमालय क्षेत्र {INNER HIMALAYA }------
इस क्षेत्र में सिरमौर की रेणुका और पच्छाद तहसीलें तथा मंडी की चच्योट ,थुनाग और करसोग तहसीलें और चम्बा की चुराह तहसील आती है काँगड़ा और शिमला के भी कुछ भाग इस में आते है। इस क्षेत्र की समुन्दर तल से ऊंचाई 1500 से 4000 मीटर है। काँगड़ा की धौलाधार तथा चम्बा की पीर पंजाल पर्वत शृंखलाएँ इस भाग में आती है।

उच्च पर्वतीय क्षेत्र {GREATER HIMALAYAS }------
इस भाग को अल्पाइन भाग भी कहा जाता है।  यहाँ पर बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है।  इस भाग में लाहौल स्पिती , किनोर ,तथा चम्बा जिलों के ऊपर के क्षेत्र आते है। इस भाग की समुंद्रतल से ऊंचाई 4500 से 7000 मीटर तक है।  जास्कर पर्वत शृंखला इस क्षेत्र में आती है।


हिमाचल के फेमस मंदिर {FAMOUS TEMPLES IN HIMACHAL PRADESH }------------                     -




लाहौल स्पिती के मंदिर -                                                                                                     -

त्रिलोकीनाथ मंदिर ----यह उदयपुर में है। इस मंदिर में अविलोकितेश्वर की मूर्ति है।

मृकुला देवी का मंदिर ----यह मंदिर भी उदयपुर में है। इस का निर्माण अजय वर्मन  करवाया था।

ताम्बो मठ बौद्ध  ------इस मठ का निर्माण 996 ई. में किया गया था। इस मठ को हिमाचल का अजन्ता भी कहा जाता है।



सोलन जिले के मंदिर ------                                                                                                                      -

शूलिनी माता मंदिर ------------यहाँ पर शूलिनी मंदिर फेमस है। यह शूलिनी माता का मंदिर है।  शुलनी माता के नाम पर ही सोलन का नामकरण हुवा है।





ऊना के फेमस मंदिर ----                                                                                                                     

चिंतपूर्णी मंदिर ---यह ऊना  का फेमस मंदिर है।

बाबा बडभाग सिंह -----बाबा बडभाग डेरा ऊना के अम्ब से 10 KM दूर मैडी में है।





बिलासपुर के फेमस मंदिर ------                                                                                                            -


नैना देवी -----इस मंदिर का निर्माण बीर चंद ने किया था। यह मंदिर बिलासपुर का सबसे फेमस मंदिर है।





हमीरपुर के फेमस मंदिर ------                                                                                                                    -


गसोता------ मंदिर हमीरपुर का फेमस मंदिर है।


गौरी शंकर मंदिर ----इस मंदिर  का निर्माण  राजा संसार चंद ने किया था।  यह सुजानपुर टिहरा में है।

मुरली मनोहर मंदिर ----इस मंदिर  का निर्माण राजा संसार चंद   ने किया था। यह सुजानपुर टिहरा में है।

नर्बदेश्वर मंदिर ---- यह सुजानपुर टिहरा में है।यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर  का निर्माण राजा संसार चंद   ने किया था।

बाबा बालक नाथ का मंदिर ---यह भी हमीरपुर का फेमस मंदिर है। यह मंदिर दियोटसिद्ध में है।





सिरमौर के फेमस मंदिर -----                                                                                                                        

गायत्री मंदिर ---यह मंदिर रेणुका में स्थित है। इस का निर्माण महात्मा पराया नन्द ब्रहमचारी ने किया था।

जगनाथ मंदिर ----इस का निर्माण 1681 ई. में राजा बुद्धप्रकाश ने किया था।

त्रिलोकपुर मंदिर ----इस मंदिर का निर्माण 1573 ई. में दीप प्रकाश  करवाया था। यह मंदिर माता बाला सुंदरी को समर्पित है।

शिरगुल मंदिर ----यह मंदिर चूरधार में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिरगुल को समर्पित है।




चम्बा के मंदिर -----                                                                                                                                  -

शक्ति देवी मंदिर ----यह चम्बा के छतराड़ी में है।  यह मंदिर मेरु वर्मन ने गुगा से बनवाया था।


लक्षणा देवी मंदिर----यह भरमौर में है। यह मंदिर महिषासुर मर्दिनी मान दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर की मूर्ति अष्टधातु की बनी है।

मणिमहेश मंदिर ---यह भगवान् शिव को समर्पित है। इस का निर्माण मेरु वर्मन ने करवाया था।

गणेशा मंदिर -----यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनवाया गया था।

नरसिंह मंदिर ----यह भरमौर में है। यह मंदिर भगवान् नरसिंह  को समर्पित है। यह मंदिर त्रिभुवन देवी द्वारा बनवाया गया था।

हरिराय मंदिर --- यह मंदिर भगवान् विष्णु  को समर्पित है। इस मंदिर में विष्णु की चतुर्मुखी मूर्ति लगी है।  इस का निर्माण लक्ष्मण वर्मन ने 11 वीं सदी में किया गया था।

लक्ष्मीनरायन मंदिर ------इस का निर्माण साहिल वर्मन ने करवाया था।  यह मंदिर 6 मंदिरों का समूह है।





काँगड़ा के मंदिर ------------                                                                                                                      

ज्वालामुखी मंदिर ---इस मंदिर में ज्वाला हमेशा जलती रहती है।

ब्रजेश्वरी मंदिर -----इस मंदिर को महमूद गजनवी ने तोडा था।

मसरूर मंदिर ----यह गगल नगरोटा सूरियां मार्ग पर है। यह मंदिर कश्मीर के राजा ललितद्वितय ने बनवाया था।

बैजनाथ मंदिर ----यह भगवान् शिव को समर्पित है।  यह मंदिर म्यूक और आहुक नामक दो ब्यापारियों ने बनवाया था। यह काँगड़ा के बैजनाथ नामक स्थान पर है।


मंडी के मंदिर ------                                                                                                                                   -

भूतनाथ मंदिर ----को मंडी के राजा अजबरसेन ने बनवाया था।  यह मंदिर अर्धनारीश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1527 में बनवाया गया था।

श्यामा काली मंदिर ---इस मंदिर को राजा  श्यामसेन ने बनवाया था।

पराशर मंदिर ---इस को राजा बाण सेन ने 1346 में बनवाया था।

मगरूमहादेव मंदिर ----यह सराज घाटी में है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

ममलेश्वर महादेव मंदिर ----यह करसोग में है। यह शिव को समर्पित है।

मांहूनाग मंदिर -----यह मंदिर करसोग से ३०-35 KM  दूर माहूंनाग में है।

कामाक्षा मंदिर ------करसोग के काओ नामक स्थान में है।


कुल्लू के मंदिर ------                                                                                                                                 -

बिजली महादेव मंदिर ----यह ब्यास नदी के किनारे कुल्लू से 14- 15 KM दूर है।


हिडिम्बा देवी मंदिर ---यह मनाली से 3 KM  मीटर दूर ढुंगरी में है। इस का निर्माण 1353 में बहादुर सिंह  द्वरा किया गया। यहां पर हर साल ढुंगरी मेला लगता है।

बजौरा मंदिर ---यह कुल्लू के बजौरा नामक स्थान पर है।  यह मंदिर  भगवान् शिव को समर्पित है।

जामलू मंदिर ---कुल्लू के मलाणा में स्थित है। यह मंदिर जमदग्निऋषि को समर्पित है।


रघुनाथ मंदिर ----यह मंदिर राजा जगत सिंह  ने बनाया था।

कार्तिकेय मंदिर ----यह मंदिर शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। यह मंडी और कुलु के बीच में कमखल नामक स्थान पर है।



शिमला के मंदिर -----                                                                                                                                 -

तारा देवी मंदिर ----यह शिमला से 5 KM  दूर तारा देवी नामक स्थान पर है। यहाँ  पर तारा देवी की अष्टधातु की 18 भुजाओं वाली मूर्ति है।

भीमाकाली मंदिर ---यह सराहन में है। सराहन को पहले शोणितपुर कहा जाता था।

हाटकोटी मंदिर ---यह रोहडू के हाटकोटी में स्थित है। यहाँ  दुर्गा की अष्टधातु की अष्टभुजा वाली मूर्ति है

जाखू मंदिर ---यह जाखू नामक स्थान पर है।  यह मंदिर हनुमान को समर्पित है।


कामना देवी मंदिर ----यह मंदिर  प्रॉस्पेक्ट हिल में स्थित है।

कालीबाड़ी मंदिर ----यह मंदिर माता काली को समर्पित है।


सूर्य मंदिर -----यह मंदिर शिमला के नीरथ में है। यह मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है।




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